लेखनी प्रतियोगिता -16-May-2023
माँ की अभिलाषा
माँ जीवन की है श्वास,
चाहती जीवन में खुशहाली का वास।
रिश्तों की डोर मजबूत बनती हर,
चाहती जीवन में सफलतापूर्वक सफर।
जिम्मेदारी से है जीवन परिपूर्ण,
चाहती इच्छाओं को करना पूर्ण।
सकारात्मकता को लेकर चलती,
चाहती व्यक्तित्व को प्रभावित करती।
वह करूणा का है सागर गहरा,
चाहती मन मैं सुकूनता का पहरा।
खिल उठा यह अनमोल जीवन,
चाहती जीवन का महकता उपवन।
वह मुस्कराहट बनी राह,
चाहती है प्यार,वही चाह।
है दयालुता का आश्रय,
चाहती जीवन में प्रीत का श्रेय।
मिली जीवन में तेजस्विनी चाह,
मिली जीवन में खुशहाल राह।
माँ की है अटूट ममता,
चाहती है जीवन का गहरा रिश्ता।
-भूमिका शर्मा
Punam verma
17-May-2023 09:01 PM
Very nice
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VIJAY POKHARNA "यस"
17-May-2023 04:53 PM
Nice 👍
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डॉ. रामबली मिश्र
17-May-2023 09:08 AM
बहुत खूब
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